अक्सर आप सभी लोगो ने सुना होगा मेहनत का फल मीठा होता है
बात उस समय की है जब अपना देश गुलामी की जंजीर में जकड़ा हुआ था उस समय एक साधारण से घर में जन्म लेने वाला बालक जिसका नाम संजीव था उसने एक दिन एक अंग्रेज को घोडा गाडी में आते हुए देखा उस घोडा गाड़ी के पीछे बहुत सारे सैनिक को आते हुए उसने देखा तो उसके मन में एक ख्याल आया की मै भी एक दिन ऐसा ही बड़ा आदमी बनुगा उसने ये बात सारी रात सोची की मै बड़ा आदमी कैसे बनु उसने एक योजना बनाई वह सुबह जल्दी उठ जाता और अंग्रेजो को नीम का दातुन बेचता फिर उस दातुन से जो कमाता उससे वह अख़बार खरीदता और फिर अखबार बेचता और फिर अखबार से जो कमाता उससे तो वो दूध खरीदता और उस दूध से चाय बनाता और उसे बेचता ऐसा करते करते कुछ ही वर्षो में उसने काफी धन इकट्ठा कर लिया और वह साधारण सा बालक अब एक सेठ बन चूका था इस कहानी का सिर्फ एक आशय है वो ये की जीवन में आप अपने धन को फिजूल में खर्च न करके निवेश में लगाए फिर आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता |
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