यह कहानी एक ऐसे बच्चे की है जो बचपन में बहुत होनहार था! लेकिन जब वोह स्कूल में गलत बच्चो की संगत में पड़ जाता है! और वोह स्कूल के बच्चो की कापी पेन्सिल जैसी छोटी -२ चोरिया शुरू कर देता है! लेकिन उसकी माँ को यह बात पता चल जाती लेकिन वोह उसे रोकने की वजाय उसे और प्रोत्सहन देती है ! और उसे अपने लड़के के इस काम से ख़ुशी होती है वोह इसलिए की उसे पढाई करने का सामान खरीदना नहीं पड़ता था! लेकिन जैसे -२ वह बड़ा होता गया ! और काम भी उसके बड़े होते गए धीरे -२ वोह बड़ी चोरिया , मर्डर जैसे काम करना शुरु कर दिया उसने .,एक दिन ऐसा आया की वोह मशहुर हो गया और पुलिस की मोस्ट वांटेड लिस्ट में सुमार हो गया ! उसकी माँ उसके इस काम से बड़ी खुश रहती थी ! क्योकि उसकी माँ को सानो सौकत की जिन्दगी जीने को मिल रही थी ! एक दिन ऐसा आया की वोह जेल की सलाखों के पीछे पहुच गया और उसे जज के सामने पेस किया गया ! उसे जज ने एक कठोर सजा सुनाई , जो की फ़ासी थी , उसे अब भूल का अहेसास हुआ! लेकिन अब क्या हो सकता था !उसकी आखिरी इच्छा पूछी गई ! उसने आखिरी इच्छा में अपनी माँ से मिलने की ख्वाहिस जाहिर की ,उसकी माँ को बुलाया गया ,उसकी माँ उसे जेल में देख बहुत दुखी हुई ,तो उसके लड़के ने जवाब दिया ,अगर मुछे बचपन में , जब मै , पहली बार स्कूल में चोरी की थी , ! तब अगर मुछे उसी दिन एक तमाचा खीच कर मर दिया होता तो मै आज यहाँ नहीं हो ! और तुछे यह दिन देखना नहीं पड़ता , उसकी माँ को बहुत पछतावा हुआ लेकिन "------------- यही कहावत हुई की -------------"
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!------------अब पछताए होत का ,जब चिड़िया चुग गई खेत -----------!
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नोट - हमारी गलतियो से हमें अवगत कराए
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अगर आपको हमारे लेख पसंद आ रहे हो तो हमें ज्वाइन करे अपनी राय देना न भूले धन्यबाद
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!------------अब पछताए होत का ,जब चिड़िया चुग गई खेत -----------!
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ye kahani hame hamari mummy ne bhi bahut sunai hai aur hamesha yahi bataya hai ki ye sultan dakoo ki kahani hai jisne apni maa ke kan par jail me kat liya tha aur jo aapne bataya ahi kaha tha.
ردحذفaapki prastuti me thodi see artni ki truti hai baki prastuti aapki trutiheen hai aur bahut prernadayak hai.aabhar.
achchhi post .badhai
ردحذفबहुत अच्छा लगा ||
ردحذفबधाई |
पुराणी कहानियों का प्रस्तुतीकरण भी आवश्यक है,करते रहें.
ردحذفdeepak ji
ردحذفgalti se aapke is post ki commens aapke dusari post par ho gai hai.chaliye ab us post ki comments is par hi dal deti hun.pouranik kathao ka apna alag hi aanand hota hai kyon ki yah manoranjan ke sath sath prerana dene wali hoti
hain.
bahut hi behtareen katha
bahut badhai
poonam
purani kahani yaad aa gayi ............
ردحذفsunder prastuti
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