जिंदगी में हैं अनेक रंग
जी लो इसे हर किसी के संग
पर खुशियां हैं मुझसे रुठी
हंसती हूं मैं, पर झूठी-मूठी
जाने किसकी लगी है मुझे नजर
सभी तो हैं इससे बेखबर
हर वक्त रहती हूं मैं बेचैन
एक पल न आए मुझको चैन
जल्दी से कट जाए
जिंदगी का ये सफर
अब नहीं होता मुझसे
यह कठिन सफर
लगती है यह दुनिया एक
भ्रमर जाल
हर दिन चलता है कोई नई
चाल
मैं भी फंस गई भंवर में
कुछ न आए समझ में
कहां गए वो जिंदगी के रंग...।
जिंदगी के रंग
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लेखक ------ शालिनी यादव
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sabhi rachnayein bahut hi sunder
ردحذفShalini ji ki kavita bahut achchhi lagi .prastut karne ke liye aapka aabhar .
ردحذفएक पल न आए मुझको चैन
ردحذفजल्दी से कट जाए
जिंदगी का ये सफर
अब नहीं होता मुझसे
यह कठिन सफर
लगती है यह दुनिया एक
भ्रमर जाल
bahut sundar bhavabhivyakti.zindgi aisee hi hai.
जल्दी से कट जाए
ردحذفजिंदगी का ये सफर
अब नहीं होता मुझसे
यह कठिन सफर
शालिनी जी! ऐसी ऊबन और निराशा नहीं होनी चाहिए ज़िन्दगी से...बाकी बहुत सुन्दर रचना
एक पल न आए मुझको चैन
ردحذفजल्दी से कट जाए
जिंदगी का ये सफर
अब नहीं होता मुझसे
....बहुत सुन्दर :)
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