बिन माँ की बच्ची पर भाभी की प्रताड़ना



यह कहनी एक ऐसी बच्ची की है जिसकी माँ उसके पैदा होते ही गुजर  जाती है उस लड़की की ७ भाबिया " यानि की भाइयो की बीबी " उनके साथ रहती है जब उनके भाई घर पर होते है तब तक तो उसको कोई तकलीफ नहीं देता जैसे ही भाई काम से चले जाते है सारा काम उसके सर डाल दिया जाता है और उसको मार - २ कर काम कराया जाता है लकिन उसे सबसे ज्यादा उसकी बड़ी भाभी उसे प्रताड़ित करती है हद तो तब हो जाती है जब उससे संभव न होने वाले काम उसे दिए जाते है एक बार उसकी बड़ी बभी ने उससे कहा अगर तू आज चलनी "जिसमे आटा को चला जाता है " उसमे उससे पानी लेन को कहा गया उससे कहा गया अगर वो चलनी में पानी नहीं लाई तो उसे न ही खाना दिया जायेगा बल्कि उसे घर से निकाल दिया जायेगा और उसके हाथ में चलनी देकर उसे कुए के पास भेज दिया गया उसकी बड़ी भाभी थी वोह बहाना ढूड रही थी उसे निकालने का अब वोह छोटी सी बच्ची रोते हुए कुए पास पहुची और वोह वहा बैठ कर रोने  लगी थोड़ी देर बाद उस कुए में रहने वाली मकड़ी को उस बच्ची का रोना देखा नहीं गया और उसने कुए से बहार आकर उससे पूछ ही लिया की क्यों रो रही हो उस बच्ची ने रोते हुए जवाब दिया मुछे भाभी ने इस चलनी में पानी लाने को कहा है उस मकड़ी ने चिंता मत करो तुम चलनी को निचे रख दो मै इसमें जाल लगा देती हु और तुम इसमें पानी भर कर ले जाना उस बच्ची ने ऐसा ही किया और पानी भर कर ले गई इससे बड़ी भाभी का यह प्लान चकना चूर हो गया उसे निकालने वाला उसने दूसरा प्लान बनाया और फी उस लड़की को जंगल भेज दिया और कहा अगर आज साम तक लकड़ी का गठ्ठर साम तक घर नहीं लाई तो तुमे घर से निकाल दुगी लेकिन उसे गठ्ठर बाधने  के लिए कुछ नहीं दिया और कहा गठ्ठर को बिना बाधे घर लेकर आना और उसे भूखा ही घर से भेज दिया बेचारी वोह लड़की दिन भर लकडिया इकठ्ठा करती रही जब लकडिया हो गई तब वोह बैठ कर रोने लगी की बिना बाधे लकडिया घर कैसे ले जाऊ यह सब माजरा साप देख रहा था उस साप ने लड़की के पास आकर पूछा क्यों रो रही हो लड़की ने भाभी की कही सारी बात बता दी साप ने चिंता मत करो उसने कहा मै इस गठ्ठर से लिपट जाता हु और तुम लकडियो को ले जाना और तुम इस गठ्ठर को जहा पर पनारा हो वाही रख देना मै पनारे में घुस जाउगा और तुम्हारी भाभी कुछ नहीं कहेगी उसने ऐसा ही किया और वोह लकडिया घर ले आई भाभी सोच में पद गई यह भी प्लान फेल हो गया अब उसने ऐसा प्लान बनाया की वोह इस बार वोह घर से निकल ही जाये उसने धान की बोरी देते हुए कहा "धान यानि बिना छिला चावल " उसको अपने हाथो से शाम तक छिल कर लाये  और यह भी कहा की अगर एक भी दाना टुटा या कम हुआ तो उसे धक्के मार कर घर से निकाल देगी और उसे धान की बोरी पकड़ा दी अब लड़की छत पर जाकर बैठ कर रोने लगी एक चिड़िया को उस पर दया आ गई उसने उस लड़की से पूछा क्यों रो रही हो उसने भाभी का सारा ब्र्तान्त उसे सुना दिया उस चिड़िया ने कहा चिंता मत करो वोह चिड़िया जाकर अपनी सभी सहेलिओ को लिवा लाई उन सभी ने मिलकर शाम से पहले ही सारा धान को छिल दिया लेकिन उनमे एक कानी चिड़िया थी जिसने एक दाना चुप चाप खा लिया अब उस लड़की को क्या पता उसने सारा चावल बोरी में भरा और भी को दे दिया भाभी ने बड़े गौर से देखा और कुछ देर बाद कहती है इसमें एक दाना कम है वोह दाना कहा है उस लड़की ने जवाब दिया मुछे नहीं मालूम उसकी भाभी ने उसे उसी वक्त घर से निकाल दिया फिर वोह लड़की रोते हुई जंगल की तरफ चली गई और जंगल में बैठ कर रोने लगी उधर से उनके भाई कम से घर लौट रहे थे उन्होंने जंगल में किसी को रोते सुना तो उनके सबसे बड़े भाई ने कहा सायद कोई रो रहा है उन्होंने घोड़े को उसी तरफ मोड़ दिया जिधर से आवाज आ रही थी पास जाकर देखा तो वोह उनकी छोटी बहन निकली उसने सारा ब्र्तान्त अपने भाइयो को सुनाया उन्होंने उसे अपने साथ ले लिया और घर पर जाकर अपनी छोटी बहन का नाम पुकारते हुए कहा पानी लेकर आओ लेकिन पानी लेकर सबसे छोटी उस लड़की की भाभी निकली उन्होंने उससे पानी नहीं लिया उन्होंने कहा पानी तो हम केवल बहन के हाथो से पियेगे लेकिन बहन घर पर हो तब न धीरे - २ करके उसकी सभी भाभिया पानी लाई लेकिन पानी उन्होंने किसी के हाथ का नहीं पिया अब सबसे बड़ी वाली भाभी आई पानी लेकर जिसने उसे घर से निकला था अब उसके भाइयो ने उसे वाही रोक लिया और छोटी बहन को बुलाया जो उनके भाइयो के पास थी उसे बुलाया यह देख बड़ी भाभी के होस उड़ गए उस लड़की से पूछा  क्या इसी भाभी ने तुमको घर से निकाला था उस लड़की का जवाब हा में था भीर क्या था बड़े भाई ने अपनी तलवार निकाल कर उसी वक्त अपनी पत्नी का सर कलम कर दिया और सभी भाभियों को चेतावनी दी अगर किसी ने आज के बाद बहन को किसी तरह का कष्ट दिया तो उसका अंजाम यही होगा फिर किसी ने उसे कभी परेसान नहीं किया और सभी लोग हसी खुशी से रहने लगे 
इस लेख में कोई  गलती हो तो हमें अवगत कराये अपनी राय हमें दे 

6 تعليقات

  1. bahut achchha kiya ye to hona hi chahiye tha.

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  2. सबक सिखाने वाली कहानियाँ ढूंढ -ढूंढ कर लाते हैं.अच्छी बात है.

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  3. ज़ुल्म का कहीं तो अन्त हुया।अच्छा सबक मिला भाभिओं को। प्पोर्ण विराम आदि न होने से कई बार वाक्य समझने मे मुश्किल आती है। ध्यान दें धन्यवाद।

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  4. शालिनी कौशिक..Vijai Mathur..निर्मला कपिला aapka bahut-2 dhanybaad apne vichro se avagat karane ke liye

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  5. दोनों बहुत सुंदर.

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